DK Shivakumar: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के “संविधान बदलने” वाले बयान को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
भाजपा का दावा है कि शिवकुमार ने कहा था कि मुस्लिम आरक्षण के लिए संविधान में बदलाव किया जाएगा, जबकि कांग्रेस और खुद शिवकुमार इसे झूठ करार दे रहे हैं।
इस बयान को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ और भाजपा ने शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की। अब इस मामले में डीके शिवकुमार ने कहा कि अगर भाजपा का दावा सही निकला तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी टेंडर में 4% आरक्षण
दरअसल, कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी टेंडर में 4% आरक्षण देने की घोषणा की थी। इसके लिए कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (KTPP) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया। इसी फैसले के संदर्भ में शिवकुमार के बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
भाजपा का आरोप है कि शिवकुमार ने 23 मार्च को एक कार्यक्रम में कहा था कि मुस्लिम आरक्षण देने के लिए संविधान बदला जाएगा। इसी बयान को आधार बनाकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला और संसद में भी इस मुद्दे को उठाया।
भाजपा इसे अंबेडकर के संविधान पर हमला बता रही है और कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा इस मुद्दे को तूल देकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रही है।
दावा सबित तो छोड़ दूंगा राजनीति
इस विवाद पर अपनी सफाई देते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने भाजपा को चुनौती दी है, अगर संविधान बदलने वाले बयान को बीजेपी साबित कर देगी, तो डीके शिवकुमार राजनीति से संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मैंने कुछ गलत कहा होता, तो मैं उसे स्वीकार कर लेता। भाजपा जो दावा कर रही है, वह झूठ है। विपक्ष मेरे पूरे बयान को देखे। वे सिर्फ मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके बयान में कोई गलती होती, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इसकी पुष्टि नहीं करते।
संसद के बजट सत्र में भी गूंजा मामला
संसद के बजट सत्र में भी यह मामला गूंजा। भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस ने बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करना चाहती है, जो अस्वीकार्य है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आंबेडकर और सरदार पटेल ने धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था, लेकिन कांग्रेस इसे जबरदस्ती लागू करने में लगी हुई है।” उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने तेलंगाना में भी ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय के हक को मारकर मुस्लिमों को आरक्षण दिया था। कांग्रेस सिर्फ संविधान की रक्षा करने की बात करती है, लेकिन सच यह है कि सत्ता से बाहर रहने की वजह से वह बौखला गई है।
खड़गे बोले- संविधान को कोई नहीं बदल सकता
भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाब दिया, “संविधान को कोई नहीं बदल सकता। आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की रक्षा के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाली, जबकि भाजपा और संघ हमेशा संविधान बदलने की बात करते आए हैं।
वहीं, डीके शिवकुमार ने कहा कि इस मामले में विशेषाधिकार हनन का मामला दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि मैं एक वरिष्ठ राजनेता हूं और मुझे सामान्य ज्ञान है। मैंने सिर्फ यह कहा था कि विभिन्न निर्णयों के बाद बहुत सारे बदलाव होंगे। मैंने कभी यह नहीं कहा कि हम संविधान बदलने जा रहे हैं। भाजपा मुझे गलत तरीके से उद्धृत कर रही है।
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