Immigration Bill 2025: अब भारत में घुसपैठ करने वालों की खैर नहीं यानी जो विदेशी भारत के लिए खतरा हो सकते हैं उन्हें रोकने के लिए केंद्र सरकार नया बिल लेकर आई है। मंगलवार को लोकसभा में इमिग्रेशन और विदेशी विधेयक-2025 पेश किया गया है। इसके तहत बिना वैध पासपोर्ट और वीज़ा के भारत में प्रवेश करने पर 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस बिल का उद्देश्य भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की आवाजाही प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
नया इमिग्रेशन बिल पास, 4 पुराने कानून खत्म
नए इमिग्रेशन बिल के मुताबिक भारत में आने के लिए किसी भी विदेशी के पास ‘वैध पासपोर्ट और वीज़ा’ होना अनिवार्य होगा। इस कानून के मुताबिक विदेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश और रहने से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। अगर कोई नियम तोड़ता है, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है। वहीं इस बिल के पास हो जाने के बाद पुराने इमिग्रेशन और फॉरनर्स से जुड़े चार प्रमुख कानून खत्म हो जाएंगे।
ये चार कानून खत्म होंगे
- विदेशी अधिनियम, 1946
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
- फॉरनर्स रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1939
- इमिग्रेशन अधिनियम, 2000
इमिग्रेशन बिल 2025 की मुख्य बातें:
- अवैध रूप से विदेशी नागरिकों को भारत लाने, ठहराने या बसाने पर 3 साल की जेल या 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- गलत जानकारी देने या दस्तावेज़ों में गड़बड़ी करने पर 3 साल तक की जेल और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
- वीज़ा खत्म होने के बाद भी भारत में रुकने या प्रतिबंधित इलाकों में जाने पर 3 साल की जेल और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
- जाली पासपोर्ट या वीज़ा के इस्तेमाल पर 7 साल तक की जेल और 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
- बिना वैध दस्तावेजों के प्रवेश करने वाले को तुरंत हिरासत में लिया जाएगा, यदि अगर मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होगा तो सजा और कड़ी हो सकती है।
बिल के तहत सरकार के पास होंगे ये अधिकार:
- सरकार विदेशी नागरिकों की आवाजाही पर निगरानी रख सकती है।
- विदेशी पर किसी भी तरह का संदेह होने पर जांच कर सकती है।
- बिना वारंट के किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती हैं।
- किसी भी व्यक्ति के भारत छोड़ने या आने पर रोक लगा सकती है।
- संदिग्ध पकड़े जाने पर पहचान के लिए बायोमेट्रिक डेटा ले सकती है।
नए बिल को लेकर विपक्ष का विरोध
लोकसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश की उन्नति, प्रभुता और शांति सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। यह बिल किसी को रोकने के लिए नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है कि जो भी भारत आए, वह देश के कानूनों का पालन करें। उन्होंने बताया कि जो भी विदेशी भारत आएंगे उन्हें अराइवल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होगा। इसके अलावा, नाम बदलने, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने और संरक्षित इलाकों में घूमने पर भी पाबंदियां लगाई जाएंगी।
हालांकि दूसरी ओर इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि यह बिल भारत में आने वाली विदेशी प्रतिभाओं को रोक सकता है। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह सरकार की विचारधारा से असहमत लोगों को भारत में प्रवेश से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत में विदेशी पर्यटकों की स्थिति
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 98.40 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक भारत आए। भारत वर्तमान में फिजिकल और ई-वीज़ा दोनों जारी करता है। जापान, दक्षिण कोरिया और यूएई के नागरिकों को वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा मिलती है।
सरकार के मुताबिक इस कानून का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा तय करना है। साथ ही भारत में आने-जाने और रहने से जुड़े नियमों को सख्त बनाना है। इसके तहत अगर सरकार को किसी विदेशी नागरिक से खतरा महसूस होता है, तो सरकार उस विदेशी नागरिक को भारत आने से रोक सकती है। यदि कोई शिक्षण या मेडिकल संस्थान, अस्पताल या निजी आवास के मालिक किसी विदेशी नागरिक को रखते हैं तो उन्हें इसकी पहले इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। कोई भी विदेशी किसी भी संस्थान में दाखिला लेता है तो उसे एक फॉर्मेट में अपनी जानकारी भरकर पंजीकरण अधिकारी को देना होगी।
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