Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक महीने में दूसरी बार अपना फैसला बदला है। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले को 30 द नों के लिए टाल दिया है। ट्रम्प ने 4 मार्च को इन दोनों पड़ोसी देशों पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, लेकिन कार निर्माता कंपनियों के विरोध और बढ़ते आर्थिक दबाव के चलते अब उन्होंने इसे दूसरी बार स्थगित कर दिया है।
कनाडा-मेक्सिको ने की ट्रंप के फैसले की तारीफ
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ टालने के फैसले की कनाडा और मेक्सिको दोनों देशों ने तारीफ की है। वहीं कनाडा ने भी जवाब में टैरिफ वापस ले लिया है। कनाडा के वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लैंक ने कहा कि कनाडा भी फिलहाल अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाने का फैसला टाल रहा है। इससे पहले फरवरी में ट्रंप ने इसी तरह टैरिफ लगाने का ऐलान कर उसे 30 दिनों के लिए टाला था, लेकिन बाद में 4 मार्च की तारीख तय कर दी गई थी। लेकिन, इसके लागू होने से एक दिन पहले एक बार फिर ट्रंप ने फैसला 30 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। लगातार बदलते फैसलों और टैरिफ की धमकियों के बीच अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है।
दरअसल, अमेरिकी कार निर्माताओं और ऑटो पार्ट्स आपूर्तिकर्ताओं ने ट्रम्प से आग्रह किया था कि वे टैरिफ का फैसला फिलहाल टाल दें। कार कंपनियों का कहना था कि इस टैरिफ से उत्पादन लागत बढ़ेगी, सप्लाई चेन बाधित होगी और वाहनों की कीमतों में इजाफा होगा। आखिरकार, ट्रंप ने कार निर्माताओं की बात मान ली, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यह राहत सिर्फ अस्थायी है। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उन्हें बाजार से कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे फैसले का मकसद सिर्फ अमेरिकी कार निर्माताओं और किसानों की रक्षा करना है। हमें विदेशी कंपनियों की लूट बंद करनी होगी।
कनाडा में अमेरिकी सामानों का बहिष्कार
ट्रम्प के आक्रामक रुख के चलते कनाडा में अमेरिकी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार शुरू हो गया है। कैलिफोर्निया के टमाटर की जगह अब कनाडा में इटली से टमाटर आयात किए जा रहे हैं। कई दुकानों ने अमेरिकी सामान बेचना बंद कर दिया है। कई कनाडाई नागरिकों ने अमेरिका में छुट्टियां मनाने की योजनाएं रद्द कर दी हैं।
दरअसल, ट्रंप ने हाल ही में बयान दिया था कि अगर कनाडा ने सही रुख नहीं अपनाया तो वह उसे अमेरिका का 51वां राज्य बना देंगे। इस बयान के बाद कनाडा में देशभक्ति की लहर तेज हो गई है। ट्रंप के इस कड़े रुख का फायदा कनाडा की लिबरल पार्टी को मिल रहा है। 2 महीने पहले, चुनावी हार के डर से जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी, लेकिन अब लिबरल पार्टी फिर से मजबूत दावेदार बनकर उभरी है।
वहीं मेक्सिको की नई राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने ट्रम्प के टैरिफ टालने के फैसले की तारीफ की। मेक्सिको ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका टैरिफ लगाता है, तो मेक्सिको भी अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाएगा।
चीन पर टैरिफ में कोई राहत नहीं
कनाडा और मेक्सिको पर राहत देने के बावजूद, ट्रम्प ने चीन पर लगाई गई 10% अतिरिक्त टैरिफ जारी रखने का फैसला किया है। फरवरी में अमेरिका ने पहले 10% टैरिफ लगाया था, इसके बाद 4 मार्च को एक्स्ट्रा 10% टैरिफ जोड़ दिया गया है। इस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर अमेरिका जंग चाहता है, तो यही सही। हम आखिर तक लड़ने के लिए तैयार हैं। चाहे वो ट्रेड वॉर हो या किसी भी तरह की जंग। चीन किसी धमकी से नहीं डरता है।
ट्रंप ने 2 अप्रैल से ‘Reciprocal Tariff’ यानी जैसे को तैसा टैरिफ प्लान लागू करने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति का स्पष्ट कहना है कि जो देश अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाएगा, हम भी उसी अनुपात में टैरिफ लगाएंगे। जो भी विदेशी कंपनियां अमेरिका में सामान बनाए बिना यहां बेचेंगी, उन्हें भारी टैरिफ चुकाना होगा। ट्रंप की इस नीति का सबसे ज्यादा असर चीन, मेक्सिको, कनाडा, जापान और जर्मनी की कंपनियों पर पड़ सकता है।
एक तरफ तो अमेरिका कनाडा और मेक्सिको को दबाव में रखकर घरेलू सपोर्ट बढ़ाना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ चीन के साथ उनका रुख अब आर्थिक से ज्यादा सामरिक टकराव की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल, ट्रंप की टैरिफ नीति सिर्फ व्यापारिक मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक हथियार बन गई है और आने वाले समय में ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ प्लान ग्लोबल ट्रेड में भूचाल ला सकता है।
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