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पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पिछले 9 महीने से धरना दे रहे किसानों ने आज दिल्ली की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। 101 किसानों ने पैदल अंबाला की तरफ बढ़ते हुए दो बैरिकेड पार कर लिए, लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री बलों द्वारा रोक लिया गया। किसानों ने बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए, जिससे पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों की मुख्य मांगें हैं: एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), कर्जमाफी और पेंशन। किसान 13 फरवरी से धरना दे रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें मार्च करने की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद किसान दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
हरियाणा में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा की गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश दिया है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह फैलने से रोका जा सके।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और तैनाती
किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
खनौरी बॉर्डर
13 कंपनियां पुलिस, 1-1 कंपनी CRPF और BSF, 3 JCB, वाटर कैनन व्हीकल, 3 वज्र वाहन और 20 रोडवेज बसें तैनात की गई हैं। यहां 30 किमी क्षेत्र में तीन लेवल बैरिकेडिंग की गई है।
शंभू बॉर्डर
यहां भी तीन लेयर बैरिकेडिंग की गई है, और पुलिस और पैरामिलिट्री बल के करीब 1000 जवान तैनात हैं। वज्र वाहन और एंबुलेंस भी मौजूद हैं।
पुलिस द्वारा आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल
किसानों की आगे बढ़ने की कोशिश पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पेपर स्प्रे का भी इस्तेमाल किया। इसके परिणामस्वरूप एक किसान की तबीयत बिगड़ी और उसे पीछे हटना पड़ा। हालांकि, पुलिस ने उसे राहत देने के लिए नमक दिया।
अगले कदम: क्या होगा आगे?
किसानों की दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग के कारण उनकी यात्रा पर असर पड़ा है। किसान अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं, और स्थिति भविष्य में और भी तनावपूर्ण हो सकती है। अगर प्रदर्शन जारी रहता है तो इसका प्रभाव और बढ़ सकता है।