नई दिल्ली। लेटरल एंट्री प्रोसेस से केंद्र सरकार ने 10 संयुक्त सचिवों समेत 38 अधिकारियों की नियुक्ति को स्वीकृति दी है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत सरकार ने कुछ खास विभागों में विशेषज्ञों की भर्ती की रूपरेखा बनाई है। यह जानकारी नियुक्ति और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने दी है।
डा. सिंह ने बताया कि ये नियुक्तियां संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिफारिश पर की गईं। आयोग ने इस सिलसिले में प्राप्त हुए आवेदनों को शार्टलिस्ट किया, आवेदकों के इंटरव्यू लिए, इसके बाद उनकी नियुक्ति की संस्तुति की। नियुक्ति पाए अधिकारी अनुबंध पर निर्धारित समय के लिए प्रतिनियुक्ति पर कार्य करेंगे।
मंत्री ने कहा, इन भर्तियों को यूपीएसएसी के जरिये कराने का निर्देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया, ताकि मेधा का चयन उद्देश्य के अनुरूप हो। इसी के बाद दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 में नियुक्ति एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी से उपयुक्त लोगों का चयन करने का अनुरोध किया।
यह चयन केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और विभागों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों के लिए होना था।
ऑनलाइन आवेदन पत्रों में से 231 लोगों को यूपीएससी ने इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करने लायक माना। इंटरव्यू में 31 लोग नियुक्ति के लिए योग्य पाए गए। इस भर्ती प्रक्रिया से सात संयुक्त सचिवों का चयन पहले ही कर लिया गया था।
इस प्रकार से सीधी भर्ती प्रक्रिया में कुल 38 विशेषज्ञ अधिकारी चयनित हुए। जो लोग चयनित हुए हैं उनमें से कई राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों के अंतर्गत सेवा में हैं, वे प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार की सेवा में आए हैं।
कुछ लोग सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त क्षेत्र के उपक्रमों और विश्वविद्यालयों से आए हैं। इस भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का उद्देश्य विशेषज्ञों को जन व्यवस्थाओं से जुड़े मंत्रालयों और विभागों में नियुक्त कर सरकारी योजनाओं को गति देना है।
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