Mahagathbandhan Seat Sharing Crisis

Mahagathbandhan Seat Sharing Crisis

क्या बिहार में टूटेगा महागठबंधन? 10 सीटों पर आमने-सामने कांग्रेस–राजद, प्रदेश अध्यक्ष की सीट पर भी टकराव

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Mahagathbandhan Seat Sharing Crisis:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है, लेकिन चुनावी मैदान में उतरने से पहले ही महागठबंधन में घमासान मचा हुआ है।

पहले चरण का नामांकन खत्म हो गया, पर अब तक सीट शेयरिंग को लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ।

राजद, कांग्रेस, वामदल और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के बीच ऐसी खींचतान दिख रही है कि सवाल उठने लगा है — क्या बिहार में महागठबंधन सचमुच बिखरने वाला है?

नामांकन से पहले ही खुला मतभेदों का पिटारा

पहले फेज के 121 विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि महागठबंधन के 125 उम्मीदवारों ने नामांकन भर दिया।

  • राजद – 72
  • कांग्रेस – 24
  • वाम दल – 21
  • वीआईपी – 6
  • आईआईपी – 2

यानी बिना किसी सीट बंटवारे की घोषणा के ही सबने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए। यही वजह है कि कई सीटों पर अब गठबंधन के घटक दल आपस में आमने-सामने हैं।

राजेश राम की सीट पर भी टकराव

तनाव की सबसे बड़ी वजह बनी है कुटुंबा सीट, जो कांग्रेस की परंपरागत और ‘हॉट सीट’ मानी जाती है।

यहां से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम खुद उम्मीदवार हैं। लेकिन राजद ने इसी सीट पर अपने नेता सुरेश पासवान को मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया।

हालांकि दोनों में से किसी ने अब तक नामांकन दाखिल नहीं किया, मगर यह साफ संकेत है कि तालमेल की डोर ढीली पड़ चुकी है।

10 सीटों पर महागबंधन में तकरार

महागठबंधन की दरार अब खुलकर सामने आ गई है।

दोनों चरणों को मिलाकर कुल 10 सीटें ऐसी हैं, जहां गठबंधन के ही घटक दल आमने-सामने हैं —

सीट RJD उम्मीदवार कांग्रेस / अन्य
वैशाली अजय कुशवाहा संजीव कुमार (कांग्रेस)
तारापुर अरुण शाह सकलदेव बिंद (VIP)
बछवाड़ा अवधेश राय (CPI) बनाम गरीब दास (कांग्रेस)
गौरा बौराम अफजल अली संतोष सहनी (VIP)
लालगंज शिवानी शुक्ला आदित्य राजा (कांग्रेस)
कहलगांव रजनीश यादव प्रवीण कुशवाहा (कांग्रेस)
राजापाकड़ मोहित पासवान (CPI) प्रतिमा दास (कांग्रेस)
रोसड़ा लक्ष्मण पासवान (CPI) बीके रवि (कांग्रेस)
बिहार शरीफ दीप प्रकाश (CPI) उमर खान (कांग्रेस)
वारिसलिगंज अनीता देवी (RJD) मंटन सिंह (कांग्रेस)

इन सीटों पर अब एक अजीब सियासी स्थिति बन गई है — गठबंधन के साथी अब विरोधी बन बैठे हैं।

राजद ने किया ‘डैमेज कंट्रोल’ का प्रयास

हालात इतने बिगड़े कि राजद को सफाई देने के लिए जिलास्तर पर पत्र भेजना पड़ा। दरभंगा के गौरा बौराम सीट को लेकर राजद ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि यह सीट VIP को दी गई है।

राजद मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह द्वारा भेजे गए इस पत्र में कहा गया कि अफजल अली को पहले आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में गठबंधन समझौते के तहत सीट वीआईपी के खाते में गई।

यह कदम दिखाता है कि अंदरखाने कितना भ्रम और असहमति फैली हुई है।

मुकेश सहनी की सीट डिमांड से मचा तूफान

महागठबंधन की सबसे बड़ी मुश्किल बनी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी की सीट डिमांड।

शुरू में सहनी ने 60 सीटों की मांग की थी। फिर इसे घटाकर 40, फिर 20 किया। अंत में वह 15 सीटों पर मानने को तैयार हुए।

राजद सिर्फ 12 सीटें देने को तैयार थी, लेकिन सहनी अपनी मांग पर अड़े रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव जीतने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जाए।

इस मुद्दे पर बातचीत कई दिनों तक चली और गठबंधन टूटने की आशंका गहराने लगी। फिलहाल, सहनी ने ये ऐलान किया है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

राहुल गांधी का हस्तक्षेप: टूटी डोर जोड़ी गई

आखिरकार, राहुल गांधी के हस्तक्षेप से स्थिति कुछ हद तक संभली। मुकेश सहनी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें 35 सीटों के वादे के बजाय सिर्फ 18 सीटें दी जा रही हैं।

इसके बाद राहुल गांधी ने राजद नेतृत्व से बात की और अंततः सहनी को 15 सीटें, एक राज्यसभा और दो एमएलसी सीटों का ऑफर दिया गया। इसमें CPI (ML) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने भी मध्यस्थता की अहम भूमिका निभाई।

आगे क्या? गठबंधन या अलग-अलग राहें

अब बड़ा सवाल यही है कि क्या महागठबंधन चुनाव से पहले कोई ठोस समझौता कर पाएगा या फिर दल अपने-अपने रास्ते चल पड़ेंगे?

पहले फेज के बाद यदि डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ, तो दूसरे चरण में यह मतभेद खुली बगावत में बदल सकते हैं।

फिलहाल, 10 सीटों पर साथी दलों के बीच सीधी लड़ाई महागठबंधन की एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े कर चुकी है।

वहीं, बिहार की राजनीति में एक बार फिर असमंजस और ‘दल–दल’ दोनों गहराते दिख रहे हैं।

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