Bihar Election 2025

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 22 नवंबर से पहले निपटेगा चुनाव, सभी दलों ने की छठ पूजा के बाद वोटिंग की मांग

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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान आज शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा करेंगे।

इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता (Model Code of Conduct) तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी।

माना जा रहा है कि इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान कराया जा सकता है।

बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए निर्वाचन आयोग को इससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी है।

सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने छठ पूजा (18-28 अक्टूबर) को देखते हुए शेड्यूल तैयार किया है ताकि त्योहारों के बाद मतदान कराया जा सके।

22 नवंबर से पहले निपटेगा चुनाव

CEC ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि बिहार में चुनाव प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी।

इस बार चुनाव में 200 से अधिक राजनीतिक दल मैदान में उतर सकते हैं। इसमें जन सुराज, आजाद समाज पार्टी, जनशक्ति जनता दल, इंडियन इंकलाब पार्टी जैसे नए दल भी शामिल होंगे।

सूत्रों के अनुसार, पहला चरण अक्टूबर के अंतिम सप्ताह, जबकि दूसरा चरण नवंबर के पहले सप्ताह में हो सकता है। इसके तुरंत बाद मतगणना होगी।

2020 और 2015 के चुनाव से तुलना

बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए थे –

  • पहला चरण: 28 अक्टूबर (71 सीटें)
  • दूसरा चरण: 3 नवंबर (94 सीटें)
  • तीसरा चरण: 7 नवंबर (78 सीटें)

मतगणना 10 नवंबर 2020 को हुई थी। जबकि 2015 में 5 चरणों में चुनाव कराए गए थे।

इस बार चुनाव आयोग कम चरणों में प्रक्रिया पूरी करने के पक्ष में है ताकि प्रशासनिक बोझ और सुरक्षा तैनाती आसान रहे।

चुनाव आयोग की 5 बड़ी घोषणाएं

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार के लिए कई नई व्यवस्थाओं की घोषणा की है—

  1. एक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता होंगे (पहले 1,500 तक होते थे)।
  2. 100% वेबकास्टिंग सभी मतदान केंद्रों पर अनिवार्य की जाएगी।
  3. EVM पर प्रत्याशियों की रंगीन फोटो लगी होगी ताकि भ्रम न हो।
  4. मतदाता मोबाइल फोन बूथ में ले जा सकेंगे (डिपॉजिट सुविधा के साथ)।
  5. पोलिंग एजेंट अब बूथ से 100 मीटर की दूरी पर बैठ सकेंगे।

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह सभी व्यवस्थाएं देश में पहली बार बिहार से लागू होंगी और बाद में इसे राष्ट्रीय स्तर पर दोहराया जाएगा।

चुनाव आयोग ने कहा कि इस बार हर बूथ की लाइव वेबकास्टिंग होगी ताकि किसी भी अनियमितता को तुरंत रोका जा सके।

इसके अलावा, VVPAT स्लिप्स की अनिवार्य जांच हर विधानसभा में की जाएगी ताकि ईवीएम के डेटा पर कोई विवाद न हो।

CEC ने कहा – बिहार देश का पहला राज्य होगा, जहां 100% बूथों पर वेबकास्टिंग और वोटर मोबाइल सुविधा दोनों लागू होंगी।

SIR में 69 लाख नाम काटे गए

30 सितंबर को जारी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की अंतिम सूची के मुताबिक बिहार में मतदाताओं की संख्या में 6% की कमी दर्ज की गई है।

कुल मतदाता अब 7.41 करोड़ हैं। जहां 69.29 लाख नाम हटाए गए हैं, वहीं 21.53 लाख नए वोटर जोड़े गए हैं।

CEC ने कहा कि अब से जिन मतदाताओं का नाम, पता या उम्र बदलेगा, उन्हें 15 दिन के भीतर नया वोटर कार्ड (EPIC) जारी किया जाएगा।

यह भी एक नई पहल है जो पहली बार बिहार में लागू की जा रही है।

CEC ने बताया कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में 38 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित रहेंगी।

इसके अलावा आयोग ने यह भी कहा कि मतदान केंद्रों पर मोबाइल जमा सुविधा, महिला मतदाताओं के लिए अलग कतारें और सुरक्षित वेबकास्टिंग सर्वर की व्यवस्था की जाएगी।

राजनीतिक समीकरण: NDA बनाम महागठबंधन

NDA: नीतीश कुमार ही चेहरा

NDA ने साफ कर दिया है कि 2025 का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

जेडीयू ने नारा दिया है — 2025 से 2030, फिर से नीतीश।

बीजेपी, LJP (रामविलास) और HAM के बीच सहमति बन चुकी है कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद के चेहरा होंगे।

पहले NDA में नीतीश की भूमिका को लेकर असमंजस था, लेकिन अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने इसे क्लियर कर दिया है।

महागठबंधन: तेजस्वी पर अभी भी मतभेद

महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद का चेहरा अभी भी स्पष्ट नहीं है, जो महागठबंधन में अंदरूनी असहमति का संकेत देता है।

RJD तेजस्वी यादव को CM फेस घोषित कर चुकी है। VIP और माले ने भी तेजस्वी का समर्थन किया है।

लेकिन कांग्रेस अभी भी इस पर खुलकर हामी नहीं भर रही। कांग्रेस नेताओंरु ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव परिणाम के बाद गठबंधन मिलकर तय करेगा।

नए दलों की एंट्री से बढ़ेगा मुकाबला

इस बार बिहार के चुनावी मैदान में कई नए खिलाड़ी उतर रहे हैं—

  • प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी पहली बार बड़े पैमाने पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
  • तेजप्रताप यादव ने RJD से अलग होकर जनशक्ति जनता दल बनाया है।
  • चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी भी सक्रिय रूप से मैदान में उतरने को तैयार है।
  • ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने बिहार में 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।
  • आईपी गुप्ता की इंडियन इंकलाब पार्टी ने दावा किया है कि वह सभी 243 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।

इन सबके बीच मुकाबला तीन-कोणीय होने की संभावना है — NDA, महागठबंधन और जन सुराज गठबंधन के बीच।

मुद्दे: बेरोजगारी, पलायन और लोकल विकास

बिहार चुनाव 2025 में प्रमुख मुद्दे होंगे —

  • बेरोजगारी और युवाओं का पलायन
  • सड़क और बिजली की स्थिति
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
  • स्थानीय उद्योग और निवेश
  • दलित और अति पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार चुनाव में “विकास बनाम विश्वास” की जंग होगी।

NDA शासन की स्थिरता के दावे और महागठबंधन के परिवर्तन के वादे आमने-सामने होंगे।

2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक होगा।

यह न केवल नए मतदाता प्रबंधन सिस्टम का पहला बड़ा टेस्ट है, बल्कि नीतीश बनाम तेजस्वी की सीधी टक्कर भी तय मानी जा रही है।

अब सभी की निगाहें अब शाम 4 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन पर टिकी हैं, जहां ECI बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों और चरणों की घोषणा करेगा।

घोषणा के साथ ही बिहार में आचार संहिता लागू होगी और राजनीतिक हलचल तेज हो जाएगी।

पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे प्रमुख जिलों में सुरक्षा और लॉजिस्टिक तैयारियों की समीक्षा पहले ही पूरी कर ली गई है।

 

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