Marathi Language Controversy

Marathi Language Controversy

मराठी भाषा विवाद: पुलिस हिरासत में MNS नेता समेत कई कार्यकर्ता, ठाणे में करने जा रहे थे रैली

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Marathi Language Controversy: महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर छिड़े विवाद के बीच मंगलवार सुबह ठाणे पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के ठाणे-पालघर प्रमुख अविनाश जाधव को उनके घर से हिरासत में ले लिया।

जाधव अपने कार्यकर्ताओं के साथ भायंदर में गुजराती और हिंदी भाषी व्यापारियों के खिलाफ रैली निकालने की तैयारी में थे।

पुलिस ने इस रैली की इजाजत नहीं दी थी। इसी को देखते हुए जाधव समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर कुछ को नजरबंद भी कर दिया गया।

सभा की अनुमति दी थी, रैली की नहीं – CM

पुलिस ने बताया कि बिना अनुमति रैली निकालने से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी।

भायंदर इलाके में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संभावित विरोध को लेकर लगातार निगरानी की जा रही है।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी कि जाधव ने सभा के लिए अनुमति मांगी थी, रैली के लिए नहीं।

फडणवीस ने कहा, हमने उन्हें सभा की अनुमति दी थी लेकिन वे एक ऐसे मार्ग से मार्च करना चाहते थे, जहां ऐसा करना संभव नहीं था। हमने उन्हें वैकल्पिक रास्ता सुझाया, लेकिन वे नहीं माने।

इससे पहले सोमवार को ही DCP प्रकाश गायकवाड़ ने एक आदेश जारी कर अविनाश जाधव के भायंदर प्रवेश पर एक दिन की रोक लगा दी थी।

पुलिस का तर्क है कि जाधव के खिलाफ पहले से 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उनकी उपस्थिति से इलाके में तनाव फैल सकता है।

गुजराती दुकानदार को MNS कार्यकर्ताओं ने पीटा

यह विवाद तब शुरू हुआ जब मीरा रोड इलाके में एक गुजराती दुकानदार के साथ MNS कार्यकर्ताओं की बहस और मारपीट का वीडियो वायरल हुआ।

वीडियो में MNS कार्यकर्ता दुकानदार से मराठी न बोलने पर बहस करते नजर आए।

कार्यकर्ता ने दुकानदार को धमकाया कि अगर मराठी नहीं बोलेगा तो उसे कारोबार नहीं करने दिया जाएगा।

इसके विरोध में स्थानीय व्यापारियों ने प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।

इस घटना को लेकर शनिवार को MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी बयान दिया था।

उन्होंने कहा था, मराठी भाषा सीखना सबका फर्ज है, लेकिन अगर कोई नहीं बोलता तो उसे मारो मत।

हां, अगर कोई जान-बूझकर बेहूदगी करे तो कान के नीचे मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ।

फिलहाल, महाराष्ट्र में मराठी बनाम गैर-मराठी की बहस जारी है।

MNS जहां मराठी अस्मिता की लड़ाई का दावा कर रही है, वहीं आलोचकों इसे राजनीतिक स्टंट बता रहें हैं।

 

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