July Rain Alert 

July Rain Alert 

आसमान से आफत बनकर बरसी बारिश: हिमाचल में फटा आसमान, 12 दिनों में 51 लोगों की मौत, 22 लापता

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July Rain Alert: देशभर में बरसात अब राहत नहीं, आफ़त बनकर बरस रही है।

हिमाचल के पहाड़ अब मौत की ढलानों में बदल रहे हैं।

यहां मंगलवार को बारिश ने जो तबाही मचाई, उसने हर किसी को दहला दिया।

हिमाचल में कई स्थानों में बादल फटने के खबर सामने आई है।

जिनमें से मंडी ज़िले में ही सात जगहों पर बादल फटने से तबाही का मंजर सामने आया।

इसके चलते कई मकान जमींदोज हो गए और बाढ़ के पानी में लोग बह गए।

पिछले 12 दिनों से अब तक 51 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

वहीं 103 लोग घायल है, जबकि 22 लोग अब भी लापता हैं।

ग्रामीणों और प्रशासन ने मिलकर कई लोगों को रेस्क्यू कर जान बचाई।

लेकिन अभी भी कई गांव जलप्रलय में घिरे हैं।

गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर उपमंडल सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

जहां नदियां उफान पर हैं और ज़मीन धंसने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, पंजाब – हर तरफ़ त्राहिमाम

केवल हिमाचल ही नहीं, देश के कई राज्य इस वक्त भयंकर बारिश की चपेट में हैं।

दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान – सभी जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है।

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आने वाले 6-7 दिनों तक मानसून देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी हिस्सों में कहर बरपा सकता है।

दिल्ली-एनसीआर में जलभराव और ट्रैफिक जाम से आवागमन थम गया।

वहीं, उत्तराखंड में नदियों के उफान और भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

गुजरात से बंगाल तक – बादलों का तांडव जारी

गुजरात, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और बंगाल में भी बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है।

मौसम वैज्ञानिकों ने इन राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है।

नदियों का जलस्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच रहा है।

राजस्थान बना जलस्थान

राजस्थान के कोटा में मोड़क कस्बे में बाढ़ के हालत बन गए है।

घर, स्कूल, हॉस्पिटल बैंक हरतरफ़ पानी ही पानी हो गया है।

चितौड़गढ़ में गुंजली नदी उफान पर है, इसके कारण आधा दर्जन से अधिक गांवों में संपर्क कट गया है ।

ये बोले IMD प्रमुख

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी जारी की है।

गोदावरी, महानदी, कृष्णा और गंगा जैसी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा हो सकती है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

खास तौर पर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के इलाके संवेदनशील बने हुए हैं।

कब थमेगा कुदरत का कहर ?

बारिश की शुरू होते ही इसकी रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही।

मानसून अब महज़ मौसम नहीं, आफत बनता जा रहा है।

मध्यप्रदेश भी अब इससे बचा नहीं है।

सरकार हर बार बारिश से लड़ने का दावा तो करती है पर तस्वीरें पोल खोल कर रख देती है ।

हिमाचल का दर्द हो या दिल्ली की परेशानी।

बारिश अब हर तरफ़ सवाल छोड़ रही है कि हम कितने तैयार थे?

 

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