Ahmedabad Plane Crash Black Box: अहमदाबाद में 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे की जांच में एक बड़ी सफलता मिली है।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के ब्लैक बॉक्स से डेटा रिकवर कर लिया गया है।
सरकारी बयान के अनुसार, ब्लैक बॉक्स का मेमोरी मॉड्यूल भी सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया है।
जिससे अब विमान के क्रैश होने के पीछे की वजहों का पता लगाने में मदद मिलेगी।
इस दुर्घटना में कुल 275 लोगों की जान चली गई थी, जबकि एक यात्री जीवित बच गया था।
ब्लैक बॉक्स के डेटा को किया गया रिकवर
इस मामले की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रहा है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए विदेश नहीं भेजा जाएगा।
भारत के पास अब खुद की आधुनिक लैब है, जहां कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) की जांच संभव है।
दिल्ली स्थित DFDR और CVR लैब में ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने और उसका एनालिसिस किया जा रहा है।
AAIB के अधिकारियों का मानना है कि इस डेटा के आधार पर पायलटों की बातचीत, विमान की तकनीकी स्थिति, स्पीड, अल्टीट्यूड, इंजन परफॉर्मेंस जैसी जानकारी मिलेगी।
जिससे यह तय किया जा सकेगा कि हादसा मानवीय भूल का परिणाम था, तकनीकी गड़बड़ी से हुआ या फिर मौसम की कोई भूमिका रही।
ब्लैक बॉक्स क्या है और क्यों है जरूरी?
ब्लैक बॉक्स विमान में मौजूद एक विशेष रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है जो उड़ान के दौरान विमान की तकनीकी जानकारी और कॉकपिट की ऑडियो रिकॉर्ड करता है।
इसमें दो मुख्य यूनिट होती हैं, पहला कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) जो पायलटों के बीच बातचीत और आवाजें रिकॉर्ड करता है।
दूसरा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) जो विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और अन्य तकनीकी डेटा को स्टोर करता है।
हालांकि, इसका नाम ‘ब्लैक बॉक्स’ है, लेकिन यह असल में चमकीले नारंगी रंग का होता है ताकि दुर्घटना के बाद इसे मलबे से आसानी से खोजा जा सके।
यह डिवाइस टाइटेनियम या स्टेनलेस स्टील से बना होता है।
इसे 1100 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान और समुद्र के अंदर 14,000 फीट की गहराई में दबाव सहने के लिहाज से तैयार किया जाता है।
यदि विमान जल में गिरता है तो ब्लैक बॉक्स का अंडरवॉटर लोकेटर बीकन सिग्नल भेजने लगता है जिससे उसकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।
251 मृतकों के DNA मैच, 245 शव सौंपे गए
12 जून की सुबह एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर) अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी।
टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद विमान का संतुलन बिगड़ा और वह बीजे मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया।
यह टक्कर इतनी भीषण थी कि विमान के परखच्चे उड़ गए और आग लग गई।
इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों में से 240 की मौत हो गई, जबकि एक यात्री जीवित बच गया।
इसके अलावा अन्य 34 लोगों की भी मौत हुई।
अब तक 251 मृतकों की डीएनए से पहचान की जा चुकी है।
इनमें से 245 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
बाकी छह शव ऐसे हैं जिनके परिजन ब्रिटेन में हैं और जल्द ही उन्हें भी सौंपा जाएगा।
जल्द सामने आएगा हादसे का कारण
अहमदाबाद विमान हादसा भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास का एक सबसे बड़ा और दुखद अध्याय बन गया है।
हालांकि, ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा से अब यह उम्मीद है कि जल्द हादसे के पीछे की असली वजह सामने आएगी।
हादसे के तीन दिन के भीतर ब्लैक बॉक्स का पहला हिस्सा 13 जून को और दूसरा हिस्सा 16 जून को मलबे से बरामद कर लिया गया था।
इसके बाद दोनों रिकॉर्डर्स (CVR और DFDR) मिलने के बाद उन्हें दिल्ली की लैब भेजा गया, जहां डेटा रिकवरी और एनालिसिस का कार्य शुरू हुआ।
अहमदाबाद प्लेन हादसे की जांच से जुड़े अधिकारी अब रिकवर किए गए डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं।
प्रारंभिक रिपोर्ट में यह देखा जा रहा है कि टेक्निकल फेलियर, मौसम की खराबी या किसी अन्य कारण ने हादसे को जन्म दिया।
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