Arvind Kejriwal: लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत पार्टी के लिए न सिर्फ सियासी संजीवनी साबित हुई है।
बल्कि यह दिल्ली में हालिया हार के बाद खोया आत्मविश्वास भी लौटाती दिख रही है।
इस जीत के साथ ही एक नई राजनीतिक बहस भी जन्म ले चुकी थी — क्या अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में जाएंगे?
लेकिन सोमवार को खुद केजरीवाल ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने साफ कहा, “मैं राज्यसभा नहीं जा रहा।”
लुधियाना उपचुनाव में आप की जीत
दरअसल, लुधियाना पश्चिम सीट से AAP ने अपने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने जीत हासिल की है।
इससे पंजाब से राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई है।
इसी से यह अटकलें तेज हुई थीं कि AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को उच्च सदन भेजा जा सकता है।
लेकिन उन्होंने सोमवार को इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि राज्यसभा के लिए नाम का फैसला पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी करेगी।
केजरीवाल की रणनीति पंजाब केंद्रित?
दिल्ली में फरवरी 2025 में करारी हार के बाद AAP का ध्यान अब पूरी तरह पंजाब पर है, जहां पार्टी की सरकार है और 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।
बीते कुछ समय से केजरीवाल पंजाब में ज्यादा समय बिता रहे हैं। इस समय पार्टी की कोशिश राज्य में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने की है।
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली विधानसभा में जहां AAP ने 2015 और 2020 में 60+ सीटें जीती थीं, वहां 2025 के चुनाव में पार्टी की स्थिति कमजोर होती दिखी और उसे महज 22 सीटें मिलीं।
खुद केजरीवाल और अन्य शीर्ष नेता अपनी सीटें हार गए। इसलिए अब पार्टी के लिए पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में प्रदर्शन अहम हो गया है।
संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस को हराया
लुधियाना पश्चिम सीट पर संजीव अरोड़ा ने 35,179 वोट पाकर जीत दर्ज की और कांग्रेस के भारत भूषण आशु को 10,637 वोटों के अंतर से हराया।
भाजपा उम्मीदवार जीवन गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे। अब उनके विधायक बनने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हो गई है, जिसे चुनाव आयोग आगामी 6 महीने में उपचुनाव के जरिए भरेगा। पं
जाब विधानसभा में AAP के पास 94 विधायक (117 में से) हैं, ऐसे में राज्यसभा उपचुनाव सिर्फ एक औपचारिकता रह जाएगी।
गुजरात में AAP ने दी BJP को मात
लुधियाना के अलावा AAP ने गुजरात में भी सफलता पाई है। विसावदर सीट से गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की, उन्होंने 75,942 वोट पाकर भाजपा के किरीट पटेल को 17,554 वोटों के अंतर से हराया।
2022 में इसी सीट पर AAP ने जीत हासिल की थी, लेकिन बाद में उनके विधायक भूपेंद्र भयानी भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके चलते यह उपचुनाव जरूरी हो गया।
AAP ने गुजरात की कडी सीट पर भी चुनाव लड़ा था, हालांकि वहां पार्टी को सफलता नहीं मिली।
राज्यसभा में किस को भेजेगी AAP?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि AAP राज्यसभा में किसे भेजेगी? चूंकि पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद इनकार कर दिया है।
ऐसे में क्या पंजाब से कोई और चेहरा राज्यसभा में जाएगा या पार्टी किसी रणनीतिक चेहरे को बाहर से लाएगी — यह देखना दिलचस्प होगा।
हालांकि, इस जीत से AAP ने यह जरूर दिखा दिया है कि वह अपनी जमीन बचाने और विस्तार के लिए सक्रिय है।
अब पार्टी के अगले राजनीतिक कदम पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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