Election Expenditure 2025

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ADR की रिपोर्ट में खुलासा: चुनावों में पैसा खर्च करने में सबसे आगे भाजपा, दूसरे नंबर पर कांग्रेस

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Election Expenditure 2025: लोकसभा चुनाव 2024 और चार राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम) के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने बड़े पैमाने पर पैसा खर्च किया।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 16 मार्च से 6 जून 2024 के बीच चुनावों में कुल 3,352.81 करोड़ रुपये खर्च हुए।

इसमें सबसे ज्यादा खर्च करने वाली पार्टी रही भारतीय जनता पार्टी (BJP), जिसने अकेले 1,494 करोड़ रुपये खर्च किए। यह कुल खर्च का 44.56% हिस्सा है।

कांग्रेस ने 620 करोड़ रुपये खर्च कर दूसरे स्थान पर रही, जबकि अन्य पार्टियां इसके काफी पीछे रहीं।

रिपोर्ट में 32 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के चुनावी खर्च का विश्लेषण किया गया है।

इनमें से केवल राष्ट्रीय दलों ने कुल 2,204 करोड़ रुपये खर्च किए, जो कुल खर्च का 65.75% है।

सबसे अधिक खर्च प्रचार-प्रसार पर

ADR के मुताबिक, दलों ने सबसे अधिक खर्च प्रचार-प्रसार पर किया।

  • प्रचार पर खर्च: 2,008 करोड़ रुपये, जो कुल खर्च का 53% है।
  • यात्रा खर्च: 765 करोड़ रुपये स्टार प्रचारकों की यात्रा और 30 करोड़ रुपये कार्यकर्ताओं व अन्य प्रचारकों पर खर्च।

रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

रिपोर्ट में कुछ अहम तथ्य भी सामने आए:

  1. फंडिंग में असमानता: राष्ट्रीय दलों को 6,930.25 करोड़ रुपये मिले, जबकि क्षेत्रीय दलों को सिर्फ 515.32 रुपये करोड़। यानी कुल चुनावी फंड का 93.08% राष्ट्रीय दलों को मिला।
  2. नकद फंडिंग: उम्मीदवारों को 402 करोड़ रुपये नकद या एकमुश्त राशि के रूप में दिए गए।
  3. डिजिटल प्रचार पर खर्च: 132 करोड़ रुपये डिजिटल और वर्चुअल माध्यमों पर खर्च किए गए।
  4. आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा पर खर्च: 28 करोड़ रुपये इस पर खर्च हुए कि उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड जनता के सामने लाए जा सकें।

AAP-BJP ने EC को देरी से ब्योरा दिया

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, हर पार्टी को चुनाव खर्च का विवरण 90 दिनों के भीतर देना होता है। लेकिन कई पार्टियों ने देरी की।

  • आम आदमी पार्टी (AAP): 168 दिन बाद रिपोर्ट दी।
  • BJP: 139 से 154 दिन की देरी।
  • कांग्रेस: इकलौती प्रमुख पार्टी जिसने लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों की रिपोर्ट समय पर दी।

कई पार्टियों की रिपोर्ट लापता, कुछ ने दिखाया शून्य खर्च

ADR ने चिंता जताई कि कई पार्टियों की रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं थी।

इनमें एनसीपी, सीपीआई, झामुमो और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल हैं।

वहीं, पीडीपी और केरल कांग्रेस (M) जैसी पार्टियों ने चुनाव लड़ने के बावजूद शून्य खर्च बताया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 690 गैर-पहचानी पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन उनकी खर्च की जानकारी रिपोर्ट में उपलब्ध नहीं है।

लोकसभा चुनावों में भारी-भरकम खर्च के बीच पारदर्शिता की कमी और रिपोर्टिंग में लापरवाही एक गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है।

ADR ने इस पर सख्त निगरानी और चुनाव आयोग से समयसीमा के उल्लंघन पर कार्रवाई की मांग की है।

 

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