Punjab Poisonous Liquor: पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से बड़ा हादसा हो गया है।
इस त्रासदी में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 अन्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
इन सभी को अमृतसर के सरकारी गुरु नानक देव अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां 4 की हालत इतनी नाजुक है कि वे बोलने की स्थिति में भी नहीं हैं।
प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
घटना को लेकर मजीठा थाने के SHO अवतार सिंह और DSP अमोलक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं, मजीठा पहुंचे CM ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
यह मामला पंजाब में पिछले तीन सालों में जहरीली शराब से मौत का चौथा बड़ा मामला बन गया है, जिससे राज्य में हड़कंप मच गया है।
एक ही इलाके में फैला कहर, 5 गांव प्रभावित
यह घटना अमृतसर जिले के मजीठा इलाके के मराडी कलां, भंगाली कलां, जयंतीपुर, पतालपुरी और थरिएवाल गांवों में सामने आई है।
सोमवार की सुबह मराडी कलां गांव में पहली बार तब हड़कंप मचा, जब कई लोग उल्टियां करने लगे और कुछ की हालत बिगड़ती चली गई।
कुछ ही घंटों में चार लोगों की मौत हो गई। धीरे-धीरे पड़ोसी गांवों से भी इसी तरह की खबरें आने लगीं।
कहीं आवाज बंद होने की शिकायत थी, तो कहीं लोग बेसुध होकर गिरने लगे। शाम तक मरने वालों की संख्या बढ़ती गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि लंबे समय से इस क्षेत्र में नकली देसी शराब का धंधा फल-फूल रहा था, लेकिन प्रशासन ने कभी सख्त कार्रवाई नहीं की।
गांव भंगाली कलां में मंगलवार सुबह तक 5-6 लोगों की मौत हो चुकी थी।
कुछ शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था, लेकिन जैसे ही प्रशासन हरकत में आया, बाकी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।
सोमवार रात प्रशासन की ओर से गांव में अनाउंसमेंट की गई कि जिनकी भी तबीयत थोड़ी बहुत बिगड़ी हो, वे सामने आएं और अस्पताल जाएं।
इसके बाद रात और सुबह कई लोगों को भर्ती कराया गया।
जहरीली शराब का सप्लायर समेत 9 लोग अरेस्ट
अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्र के एसएसपी मनिंदर सिंह ने जानकारी दी कि जहरीली शराब बेचने वाले रैकेट के मास्टरमाइंड प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उसके अलावा कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू, साहिब सिंह उर्फ सराय, गुरजंट सिंह और निंदर कौर समेत 9 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
एसएसपी ने बताया कि यह सभी लोग पहले भी शराब के धंधे से जुड़े रहे हैं और सस्ती शराब के लालच में गरीब मजदूरों को यह ज़हर पिलाया गया।
पूछताछ में सामने आया कि इस रैकेट ने करीब 50 लीटर मैथनॉल को डायल्यूट कर 120 लीटर शराब तैयार की थी।
इस शराब को बसों के जरिए आसपास के गांवों में सप्लाई किया गया।
किंगपिन साहिब सिंह पर आरोप है कि वह ऑनलाइन मैथनॉल मंगवाता था और उसी से यह जहरीली शराब तैयार करता था।
पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कि हैं और सख्त धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की टीमें घर-घर जाकर कर रही जांच
नागरिक प्रशासन और पुलिस की टीमें घर-घर जाकर यह पता लगाने में जुटी हैं कि किसने शराब पी है ताकि समय रहते इलाज हो सके और जान बचाई जा सके।
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बताया कि 5 गांवों के लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
मेडिकल टीमें हर प्रभावित गांव में तैनात की गई हैं और जिन लोगों में लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा जा रहा है।
डिप्टी कमिश्नर ने मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से सहायता देने का भी आश्वासन दिया।
सीएम भगवंत मान ने व्यक्त किया शोक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ये मौतें नहीं, कत्ल हैं।
उन्होंने वादा किया कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले राज्य को शर्मसार करते हैं और सरकार इन पर सख्त नियंत्रण बनाएगी।
सीएम मान ने कहा कि सरकार मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद के तौर पर 10-10 लाख रुपये देगी।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने इस हादसे को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सरकार की शह पर ही नकली शराब का धंधा पनप रहा था और अब लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार एक नामी शराब ठेकेदार को बचाने की कोशिश कर रही है।
3 साल में जहरीली शराब का चौथा बड़ा मामला
पंजाब में यह जहरीली शराब से हुई मौतों की चौथी बड़ी घटना है।
साल 2020 में अमृतसर, बटाला और तरनतारन में इसी तरह के एक हादसे में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
साल 2023 में पठानकोट में नकली शराब के सेवन से 21 लोगों की जान गई थी।
वहीं, नवांशहर और होशियारपुर में भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
इन घटनाओं से साफ है कि नकली शराब का कारोबार पंजाब में जड़ें जमा चुका है और प्रशासन की सख्ती के बावजूद ऐसे रैकेट फल-फूल रहे हैं।
गरीब और मजदूर वर्ग इस नेटवर्क का शिकार
अमृतसर की यह जहरीली शराब त्रासदी न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह गरीब और मजदूर वर्ग ऐसे खतरनाक नेटवर्क का शिकार बनते हैं।
अब जबकि पुलिस ने जहरीली शराब के सप्लायर समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, तो यह देखना होगा कि क्या इन मामलों में स्थायी समाधान निकलेगा या नहीं।
पंजाब सरकार के लिए यह एक चेतावनी है कि यदि नकली शराब के धंधे पर अब भी लगाम नहीं लगी, तो आने वाले समय में और भी बड़े हादसे सामने आ सकते हैं।
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