शीतकालीन सत्र : बिना माफी मांगे निलंबन वापसी संभव नहीं : नायडू

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा दोनों सदनों में गरमाया रहा।

राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस कार्रवाई को नियमों के खिलाफ बताते हुए निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। निलंबित विपक्षी सांसद कल से संसद में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देंगे।

सूत्रों के अनुसार अगर सरकार इनका निलंबन वापस नहीं लेती है तो विपक्ष पूरे सत्र का बहिष्कार कर सकता है। मानसून सत्र में इन सांसदों ने अशोभनीय आचरण किया था। सदन के अंदर तोड़फोड़, आसन पर पेपर फेंकने, टेबल पर चढ़कर डांस करने और मार्शल के साथ अभद्रता के आरोप थे। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक स्थगित।

मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी दल के आठ नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उनसे 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया। सभापति नायडू ने उनसे कहा कि सदन के निलंबित सदस्यों से माफी मांगे बिना यह संभव नहीं है।

एनआरसी तैयार करने का कोई निर्णय नहीं : गृह मंत्रालय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अब तक, सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRIC) तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।

क्रिप्टो करेंसी पर बिल लाने की तैयारी में सरकार : राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है और पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है। इसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। आरबीआई और सेबी के माध्यम से जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए गए हैं। सरकार जल्द ही एक विधेयक पेश करेगी।

भारत में ओमिक्रोन का कोई मामला नहीं : राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया ने बताया कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

निलंबन पर विपक्षी की एक और बैठक : राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेता एक और बैठक कर रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा जिन 12 सदस्यों को निलंबित किया गया उन्हें वापस लेने के लिए आज हम अध्यक्ष महोदय से मिले और उनसे आग्रह किया गया। पिछले सत्र में जो घटना हुई थी फिर उसे उठाकर फिर से सदस्यों को निलंबित करना गैरक़ानूनी है और नियमों के खिलाफ है।

संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन : 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेता संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने को खारिज करने के बाद विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा से वाकआउट किया है।

निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज : राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभापति को कार्रवाई करने का अधिकार है और सदन भी कार्रवाई कर सकता है। नायडू ने कहा कि पिछले मानसून सत्र का कड़वा अनुभव आज भी हममें से अधिकांश लोगों को परेशान करता है।

पीएम मोदी किसानों और कृषि के प्रति प्रतिबद्ध : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सारा देश इस बात का साक्षी है कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों के प्रति और कृषि के प्रति प्रतिबद्ध हैं और रहेंगे। उनके 7 साल के कार्यकाल में जो ऐतिहासिक काम कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हुए हैं, वे पहले कभी भी कांग्रेस सरकार में नहीं हुए।

मजबूरी में लेना पड़ा फैसला : 12 सांसदों के निलंबन पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कल भी हमने उनसे कहा कि आप लोग माफी मांग लीजिए, खेद व्यक्त कीजिए। लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया, साफ इनकार किया। इसलिए मज़बूरी में हमें ये फैसला लेना पड़ा। उन्हें सदन में माफी मांगनी चाहिए।

बैठक के बाद लिया जाएगा फैसला : लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्र को बहिष्कार किए जाने को लेकर मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। 12 सांसदों के निलंबन को लेकर बैठक है। जो भी निर्णय इस बैठक के बाद लिया जाएगा उसे हम मानेंगे।

सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार- नकवी : केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जिन भी मुद्दों पर विपक्ष बहस या चर्चा चाहता है उसके लिए सरकार तैयार है। उसके लिए नोटिस दिया जाता है। सरकार ने तो कभी कहा ही नहीं कि हम चर्चा नहीं करने देंगे।

माफी नहीं मांगेंगे- बिनाय विश्वम : सीपीआई सांसद बिनाय विश्वम ने कहा है कि हमने आत्मानिर्भर भारत के लिए बैंक के निजीकरण के मुद्दे पर लड़ाई लड़ी… हम माफी नहीं मांगेंगे। विश्वम समेत 12 राज्यसभा सांसदों को शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए अनुशासनहीनता के लिए निलंबित कर दिया गया है।

माफी मांगने का सवाल ही नहीं : विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए विपक्षी दल आज बैठक कर रहे हैं। माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। सांसदों को सदन के नियमों के खिलाफ निलंबित किया गया है।

लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस : कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘सरकार को कृषि कानूनों के विरोध में जान गंवाने वाले किसानों का रिकार्ड बनाने और उनके परिवारों को मुआवजा देने का निर्देश देने के लिए’ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

वहीं, कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने ‘देश भर में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारणों पर चर्चा करने के लिए और सरकार को पेट्रोल, डीजल, एलपीजी पर उत्पाद शुल्क को 2013 के स्तर तक कम करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने के लिए’ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

किरेन रिजिजू पेश करेंगे बिल : केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 पेश करेंगे। यह विधेयक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954 और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1958 में और संशोधन का प्रयास है।

समिति की जांच के बाद कार्रवाई : निलंबित सदस्यों ने बीते मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन की गरिमा को तार-तार करते हुए कथित तौर पर धक्का-मुक्की के साथ जबर्दस्त हंगामा किया था। इसे लेकर गठित समिति ने इसकी जांच की थी, जिसकी सिफारिशों के आधार पर तैयार प्रस्ताव को सदन में मंजूरी दी गई।

सरकार और विपक्ष के बीच फिर दरार : राज्यसभा से विपक्षी दलों के 12 सांसदों के निलंबन ने सरकार और विपक्ष के बीच फिर से दरार पैदा कर दी है। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि जिन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, अगर वे नियमानुसार माफी मांगते हैं तो इसपर विचार किया जा सकता है।

राहुल बोले- किस बात की माफी? : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि किस बात की माफी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं! वहीं, अधीरंजन चौधरी ने कहा कि रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट चल रहा है। सरकार का ये नया तरीका है। हमें डराने का, धमकाने का, हमें जो अपनी बात रखने का अवसर मिलता है उसे छीनने का नया तरीका है।

उन्होंने कहा, “यहां पर जमींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और माफी मांगें। ये जबरदस्ती क्यों माफी मंगवाना चाहते हैं। इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं। ये लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।”

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