Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने छात्रों की समस्याओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा।
जिसमें दलित, ओबीसी, ईबीसी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को उठाया गया।
राहुल गांधी ने पीएम से इन मुद्दों को तत्काल हल करने की मांग की।
दलित-ओबीसी छात्रों के लिए 2 अहम मांगें
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में राहुल ने हॉस्टल में होने वाली असुविधाओं का जिक्र किया।
राहुल ने बताया कि वे पिछले महीने बिहार में अंबेडकर हॉस्टल गए थे, जहां स्टूडेंट ने इन समस्याओं को जिक्र किया था।
राहुल ने इसके अलावा छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप में देरी का मुद्दा भी उठाया।
राहुल गांधी ने लिखा कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप में भारी देरी छात्रों के लिए एक और बड़ी समस्या है।
उन्होंने बताया कि बिहार में स्कॉलरशिप पोर्टल 3 साल तक निष्क्रिय रहा, जिससे हजारों छात्र लाभ से वंचित रह गए।
2021-22 में एक भी छात्र को स्कॉलरशिप नहीं मिली।
राहुल ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि दलित छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
2023 में जहां 1.36 लाख छात्रों को स्कॉलरशिप मिली थी, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 0.69 लाख रह गई।
राहुल ने प्रधानमंत्री से विशेष तौर पर दो ठोस कदम उठाने की अपील की।
पहला दलित, ओबीसी, ईबीसी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए बने हॉस्टलों की हालत को सुधारना।
दूसरा पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप समय पर और पर्याप्त मात्रा में छात्रों को प्रदान की जाए।
राहुल ने पत्र में लिखा, जब तक निचले तबके के युवा आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक भारत प्रगति नहीं कर सकता।
मुझे उम्मीद है कि आप इन मांगों पर गंभीरता से विचार करेंगे।

बिहार के हॉस्टल दौरे के बाद राहुल की दो टूक
राहुल गांधी ने अपने पत्र में बताया कि उन्होंने 15 मई को बिहार के दरभंगा स्थित अंबेडकर हॉस्टल का दौरा किया था, जहां उन्होंने छात्रों से सीधे संवाद किया।
इस दौरान उन्होंने देखा कि छात्रों को बेहद खराब परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है।
एक कमरे में 6-7 छात्र रहते हैं, शौचालय की सफाई नहीं होती, पीने का साफ पानी नहीं है और मेस की व्यवस्था भी अपर्याप्त है।
राहुल ने लिखा, मैंने बिहार का उदाहरण दिया है, लेकिन यही हाल पूरे देश में है।
इन आवासीय छात्रावासों की दयनीय स्थिति से पढ़ाई प्रभावित होती है और छात्रों का आत्मविश्वास भी टूटता है।
बता दें राहुल गांधी का दरभंगा हॉस्टल दौरा उस समय चर्चा में आया जब वे प्रशासन की अनुमति के बिना छात्रावास पहुंच गए।
प्रशासन ने उन्हें टाउन हॉल में कार्यक्रम की इजाजत दी थी, लेकिन राहुल पैदल हॉस्टल पहुंचे और वहां 12 मिनट तक छात्रों से बातचीत की।
इस दौरान ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा था, 90 प्रतिशत आबादी को इस देश की सत्ता और संसाधनों से बाहर रखा गया है।
ब्यूरोक्रेसी, मेडिकल, एजुकेशन, इंडस्ट्री—हर जगह इन समुदायों का प्रतिनिधित्व शून्य है।
अब देखना होगा कि केंद्र सरकार राहुल गांधी के इस पत्र पर क्या कार्रवाई करेगी?
क्या दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप और हॉस्टल जैसी बुनियादी समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस नीति बनेगी।
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