Pakistan Beg For a Loan: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान सरकार की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई बहस को जन्म दे दिया है।
पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय के आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) हैंडल से शुक्रवार सुबह एक पोस्ट वायरल हो गई, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से तत्काल आर्थिक मदद यानी लोन की गुहार लगाई गई थी।
हालांकि बाद में पाकिस्तान सरकार ने दावा किया कि यह पोस्ट फर्जी थी और उनका आधिकारिक अकाउंट हैक कर लिया गया था।
लेकिन तब तक दुनिया भर के मीडिया और सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंच चुका था।
इस पोस्ट में कहा गया था कि वर्तमान युद्ध जैसे हालात और शेयर बाजार की गिरती स्थिति के बीच पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन और अतिरिक्त कर्ज की जरूरत है।
पोस्ट में वर्ल्ड बैंक समेत अन्य सहयोगी संस्थाओं को टैग भी किया गया था।
इसके तुरंत बाद इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठने लगे।
अकाउंट हैक होने और फर्जी पोस्ट का दावा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और तथाकथित फैक्ट-चेक विभाग ने बयान जारी कर यह दावा किया कि मंत्रालय का X अकाउंट हैक हो गया था और यह पोस्ट फर्जी है।
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि जिस तरह से यह पोस्ट अकाउंट के बाकी पोस्ट्स से मेल खाती है और उसका स्वर ‘सरकारी’ जैसा है, उससे इसकी प्रामाणिकता पर सवाल खड़े होते हैं।
दूसरी ओर, भारत में इस पोस्ट को पाकिस्तान की “वास्तविक स्थिति का सार्वजनिक कबूलनामा” बताया गया। सोशल मीडिया पर इसे लेकर मीम्स की बाढ़ आ गई और कई विशेषज्ञों ने इसे पाकिस्तान की कूटनीतिक कमजोरी करार दिया।
ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाया पाकिस्तान
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत ने हाल ही में आतंक के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था।
इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर और राजस्थान सीमा पर पाकिस्तान की ओर से हो रही आतंकी गतिविधियों और ड्रोन घुसपैठ को नाकाम किया।
8 और 9 मई की रात को पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर का जवाब देने के लिए भारतीय सैन्य और रिहायशी इलाकों पर एक साथ कई हमले करने की कोशिश की।
ड्रोन और छोटे हथियारों से हमले किए गए, लेकिन भारतीय सेना ने समय रहते सभी प्रयासों को विफल कर दिया।
सेना ने कहा कि सीमा पर किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारत की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
आर्थिक संकट, 30 बिलियन डॉलर चुकाने की चुनौती
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही गहरे संकट में है। देश के पास मई 2025 तक केवल 15.25 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है, जबकि अगले 12 महीनों में उसे करीब 30 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पाकिस्तान की बातचीत अभी भी अधर में है और चीन तथा खाड़ी देशों से मिलने वाले राहत पैकेज भी धीमा पड़ गया है।
इस स्थिति में ‘लोन मांगने वाली पोस्ट’ ने पाकिस्तान की वित्तीय कमजोरी को उजागर कर दिया, भले ही सरकार ने उसे ‘हैकिंग’ बताकर नकार दिया हो।
स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय दवाओं पर उठाया सवाल
इसी बीच पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल ने भारतीय दवाओं पर निर्भरता खत्म करने की बात कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत एक ‘गैर-भरोसेमंद दुश्मन’ बन चुका है और भारत की दवाओं पर निर्भर रहना पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
मंत्री ने पाकिस्तानी फार्मा कंपनियों और रेगुलेटर्स को निर्देश दिए हैं कि भारतीय दवाओं के विकल्प तलाशे जाएं।
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की फार्मा इंडस्ट्री अभी इतनी सक्षम नहीं है कि वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सके, खासकर तब जब कच्चे माल का एक बड़ा हिस्सा भी भारत से ही आता है।
X से प्रतिबंध हटाया, भारत के नैरेटिव का जवाब देने की तैयारी
पाकिस्तान सरकार ने भारत से बढ़ते तनाव के बीच X (ट्विटर) से लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह प्रतिबंध फरवरी 2024 में लगाया गया था।
सीनेटर पलवाशा खान ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब पाकिस्तान भारत के ‘फर्जी नैरेटिव’ का सोशल मीडिया पर जवाब दे सकेगा।
इससे पहले पाकिस्तान की राष्ट्रीय साइबर एजेंसी ने सरकार विरोधी पोस्ट करने वाले 500 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की थी। इन पर देशविरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर जांच शुरू की गई है।
भारत-पाक तनाव पर अमेरिका और तुर्की की भूमिका
भारत-पाक तनाव पर अमेरिका ने अब तक एक संतुलित रुख अपनाया है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट रूप से कहा कि “भारत-पाक संघर्ष अमेरिका का मामला नहीं है,” लेकिन उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका युद्ध के बीच में नहीं कूदेगा।
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैय्यप एर्दोगन ने पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होकर भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाए और पहलगाम आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।
भारत के सैन्य ऑपरेशन, कूटनीतिक ताकत और आर्थिक स्थायित्व के मुकाबले पाकिस्तान की कमजोर स्थिति बार-बार उजागर हो रही है।
आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पाकिस्तान इस छवि से उबर पाएगा या फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक अलग-थलग पड़ता जाएगा।
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