मुलायम सिंह यादव ने कुमार विश्वास को दिया सपा ज्वाइन करने का आफर

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 लखनऊ। राजधानी स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान का मंच उस वक्त ठहाकों से गूंज उठा जब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कवि कुमार विश्वास को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का आफर दे दिया।

 मौका था मंगलवार को सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव पर लिखी पुस्तक ‘राजनीति के उस पार’ के विमोचन कार्यक्रम का। दरअसल, कुमार विश्वास जब अपना संबोधन देकर आए तो मुलायम सिंह यादव ने हिंदी के वरिष्ठ कवि उदय प्रताप से कान में कहा कि कुमार विश्वास यदि कहीं नहीं हैं तो वह समाजवादी पार्टी में आ जाएं।

 उदय प्रताप ने जब यह बात सभी को बताई तो सुनते ही कुमार विश्वास व अखिलेश यादव सहित मंच पर मौजूद सभी लोग हंस पड़े।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव पर लिखी पुस्तक ‘राजनीति के उस पार’ के विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हम सबको मिलकर बेरोजगारी महंगाई व भ्रष्टाचार पर लड़ना होगा। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है कि यहां पर पूरे देश के लोग हैं।

यहां किसी के भीतर दलगत भावना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि देश के सामने आज महंगाई सहित कई मुद्दों का सवाल है। इस पर पूरे देश को खड़ा होने की जरूरत है। मुलायम ने कहा कि देश पर चुनौती आई तब समाजवादी पार्टी खड़ी रही। अभी महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या फिर जब युद्ध का समय था, तब भी पूरा देश साथ में खड़ा था। देश के लिए सबको मिलकर खड़ा होना है। एक साथ आना है। यही मेरी कामना है। लोकसभा में जब बहस हो रही तो देख कर अच्छा लगा कि सब एकसाथ हैं। ये देखकर बहुत अच्छा लगा। देश इसी तरह से आगे बढ़ेगा।

अपने संबोधन के दौरान कुमार विश्वास ने सपा संरक्षक की तारीफ करते हुए कहा कि बड़े होकर बड़ा रहना ही नेताजी की बड्ड़पन है। कुमार विश्वास ने अखिलेश यादव के साथ मंच शेयर करने के सवाल पर कहा कि ये तो लोकतंत्र की खूबसूरती है।

सभी लोगों को सभी की बात सुननी चाहिए। मुलायम सिंह को लेकर आने वाली शताब्दी में चर्चा की जाएगी। लोकतंत्र की खुशबू है कि राजनीति के उस पार देखें। अगर भाजपा के नेता आते तो और अच्छा होता। यही लोकतंत्र को खूबसूरती है।

लोकतंत्र में यह व्यवस्था होनी चाहिए। हम असहमत हों, लेकिन जब किसी के पहलू पर चर्चा हो तो जबको साथ आना होगा। आज अतुल अनजान, संजय सिंह कई हैं यहां। मैं राजनीति के उस पार खड़ा हूं। जिस पार था उन्होंने किनारे कर दिया।

उन्होंने कहा कि रामगोपाल आज भी युवा हैं। समाजवादी परिवार की विशेषता है कि हिंदी के साहित्य के लिए यह परिवार खड़ा रहा। आज देश ऐसी स्थिति में है जहां ताप का कम होना जरूरी है।

गुस्से का कम होना जरूरी है। सभी से अपील करता हूं कि नफरत की नहीं मोहब्बत का बीज बोइए। कार्यक्रम में रामगोपाल यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि आपसी खींचतान खत्म कर अखिलेश यादव को सीएम बनाने के लिए काम करें। रामगोपाल ने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, नेताजी की वजह से हूं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा रामगोपाल यादव की तारीफ में कसीदे पढ़ते करते हुए उन्हें मौजूदा दौर का सबसे भावुक राजनीतिज्ञ करार दिया।

अखिलेश ने पिता मुलायम की मौजूदगी में लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में रामगोपाल यादव की तारीफ की। लेकिन शिवपाल यादव को नजरअंदाज कर गए।

उन्होंने कहा कि यह किताब नौजवानों और आगे की पीढ़ी को प्रेरित करने का काम करेगी। कितने भी कड़क दिखें या नाराजगी हो लेकिन राजनीति में चाचा से अधिक भावुक आदमी नहीं देखा।

अखिलेश यादव ने पिता मुलायम की तारीफ करते हुए कहा कि नेताजी का बहुत धन्यवाद। उनकी वजह से ही यह सब संभव हुआ है। रामगोपाल के किताब के विमोचन कार्यक्रम में सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद रहे। वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा और कवि कुमार विश्वास भी मौजूद रहे।

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