PM Modi Ghana Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को घाना की राजधानी अक्रा में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया गया।
घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा ने उन्हें यह सम्मान एक औपचारिक समारोह में दिया।
यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक नेतृत्व, विकासशील देशों के साथ सहयोग और भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया।
यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान मिला है। पीएम मोदी ने इसे भारतीय जनता और भारत-घाना मित्रता के प्रति सम्मान बताया।
PM @narendramodi was conferred with ‘The Officer of the Order of the Star of Ghana’ by President @JDMahama. pic.twitter.com/whtPrLmprG
— PMO India (@PMOIndia) July 3, 2025
दोनों देशों ने 4 अलग-अलग साइन किए MoU
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच चार अहम समझौतों (MoUs) पर भी हस्ताक्षर हुए, जो द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देंगे:
- जॉइंट कमीशन की स्थापना: विदेश मंत्रालय स्तर पर भारत-घाना संयुक्त आयोग की स्थापना होगी जो रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग की निगरानी करेगा।
- पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग: आयुर्वेद और घाना की पारंपरिक चिकित्सा के विशेषज्ञ मिलकर अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे।
- संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा: सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता किया गया।
- गुणवत्ता मानक निर्धारित करना: उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक मानकीकरण समझौता किया गया, जिससे व्यापार सहयोग को गति मिलेगी।
अब युद्ध का नहीं, संवाद का समय है – PM मोदी
पीएम मोदी और घाना के राष्ट्रपति महामा ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, भारत और घाना दोनों ही आतंकवाद को मानवता का दुश्मन मानते हैं। हम मिलकर इसके खिलाफ लड़ेंगे।
दुनिया को यह समझना होगा कि यह युद्ध का समय नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति से समाधान निकालने का समय है।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) में सुधारों की आवश्यकता पर भी बल दिया और कहा कि भारत और घाना इस मुद्दे पर एकमत हैं।
भारत देगा डिजिटल तकनीक, वैक्सीन और स्किल ट्रेनिंग में मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत घाना को फिनटेक (Fintech) सेक्टर में सहयोग देगा और UPI टेक्नोलॉजी के जरिए डिजिटल ट्रांजैक्शन का अनुभव साझा करेगा। उन्होंने घोषणा की कि:
- भारत, घाना के युवाओं के लिए ITEC और ICCR स्कॉलरशिप को दोगुना करेगा।
- ‘फीड घाना’ कार्यक्रम में भारत सहायता देगा, जिससे खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
- घाना आर्मी की ट्रेनिंग, डिफेंस सप्लाई, समुद्री सुरक्षा, और साइबर सुरक्षा में भी दोनों देश मिलकर काम करेंगे।
- जन औषधि केंद्रों के जरिए भारत घाना में किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगा।
- भारत एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करेगा, जो युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा देगा।
भारत-घाना व्यापार 25 हजार करोड़ के पार
पीएम मोदी ने बताया कि वर्तमान में भारत और घाना के बीच व्यापार 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक है, और अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत अब तक घाना में 16 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर चुका है।
बता दें बुधवार को घाना पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया था।
राजधानी अक्रा के जुबली हाउस में उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया।
एयरपोर्ट से होटल पहुंचने तक भारतीय समुदाय के लोगों ने उनके स्वागत में नारे लगाए।
स्कूली बच्चों ने संस्कृत श्लोक गाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
भारत ने घाना को दी थी 6 लाख कोरोना वैक्सीन
भारत और घाना के संबंधों की एक मजबूत नींव कोविड महामारी के दौरान बनी जब भारत ने 6 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज घाना को दान की।
घाना ने बदले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन का एलान किया था।
दोनों देश NAM (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) के सदस्य हैं और वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन करते आए हैं।
महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित घाना की स्वतंत्रता
भारत और घाना के ऐतिहासिक संबंधों की गहराई इस बात से भी जाहिर होती है कि घाना के स्वतंत्रता संग्राम के नेता क्वामे एन्क्रूमा गांधीजी से गहरे प्रभावित थे। उन्हें ‘अफ्रीका का गांधी’ भी कहा जाता है।
उन्होंने गांधीजी की राह पर चलते हुए अहिंसा और सत्याग्रह को अपनाया और 6 मार्च 1957 को घाना को ब्रिटिश राज से स्वतंत्र कराया।
घाना अफ्रीका का पहला देश बना जिसने ब्रिटेन से आजादी हासिल की और इसकी आजादी का असर पूरे अफ्रीका पर पड़ा।
लिहाजा बाकी देशों में भी आजादी की मांग तेज हो गई। कुछ ही साल बाद नाइजीरिया, केन्या, तंजानिया जैसे कई देशों ने ब्रिटिश, फ्रेंच या बेल्जियन उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता हासिल की।
PM का 5 देशों का मेगा टूर, BRICS समिट में लेंगे भाग
प्रधानमंत्री मोदी की घाना यात्रा उनके आठ दिवसीय पांच देशों के दौरे का हिस्सा है।
2 जुलाई से शुरू हुआ यह दौरा घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया को कवर करेगा।
पिछले दस वर्षों में यह उनकी सबसे लंबी विदेश यात्रा है।
ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में 6-7 जुलाई को होने वाले 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी हिस्सा लेंगे।
यहां वे वैश्विक प्रशासन सुधार, जिम्मेदारी से AI के इस्तेमाल, जलवायु संकट, वैश्विक स्वास्थ्य और बहुपक्षीय संस्थानों के सुधार पर बात करेंगे।
नामीबिया और त्रिनिदाद: दशकों बाद किसी भारतीय PM की यात्रा
घाना के बाद पीएम मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो जाएंगे, जहां 1999 के बाद किसी भारतीय पीएम की यह पहली यात्रा होगी।
नामीबिया में पीएम मोदी 9 जुलाई को पहुंचेंगे, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 27 साल बाद की यात्रा होगी।
यहां वह संसद को संबोधित करेंगे और UPI जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम के MoU पर काम होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा न केवल भारत-घाना संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है, बल्कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को भी मजबूती देती है।
‘ग्लोबल साउथ’ में भारत की भूमिका को लेकर यह यात्रा निर्णायक मानी जा रही है।
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