आखिर क्यों बढ़ाया गया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा

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-गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताई वजह

नई दिल्ली। देश की केंद्र सरकार ने बीते अक्टूबर नोटिफिकेशन जारी कर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे राज्यों में सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अतिरिक्त ताकतें देने का ऐलान किया था।

इस घोषणा के बाद से केंद्र की मोदी सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच लगातार विवाद की स्थिति बनी हुई है। इसी मुद्दे पर मंगलवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि कुछ राज्यों में बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में विस्तार का मकसद बीएसएफ को अपने सीमा सुरक्षा कर्तव्यों का अधिक प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए सशक्त बनाना है।

बीते नवंबर बीएसएफ के तरफ से जारी एक बयान में कहा गया थी कि बढ़े हुए अधिकार क्षेत्र से बीएसएफ को पुलिस के हाथ मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह एक ऐसा प्रावधान है जिसका उद्देश्य राज्य पुलिस के प्रयासों को मजबूत और पूरक बनाना है।

गौरतलब है कि बीएसएफ कई सीमावर्ती राज्यों में पुलिस के साथ संयुक्तरूप से काम कर रही है। केंद्र ने अक्टूबर के महीने में बीएसएफ को भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से भारतीय क्षेत्र के अंदर 50 किमी के क्षेत्र में तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जब्ती करने का अधिकार दिया था।

वहीं, बात अगर पश्चिम बंगाल और असम की करें तो इन राज्यों में बीएसएफ को 15 किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था जिसे केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया था ताकि बिना किसी रोक-टोक के बीएसएफ अपना काम कर सके।

हालांकि, पांच पूर्वोत्तर राज्य- मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में इसके अधिकार क्षेत्र में 20 किमी की कटौती की गई है। यहां बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 80 किमी तक था।

इसी तरह गुजरात में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 80 से घटाकर 50 किमी कर दिया गया है। राजस्थान में, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किमी पर समान रहेगा।

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