वरिष्ठ अधिवक्ता अचला जोशी को हार्ट अटैक के बाद बॉम्बे हॉस्पिटल ने बेड न होने का हवाला देकर बिना इलाज लौटा दिया था इसके बाद अरविन्दों में भी इलाज न मिलने पर उनकी मौत हो गई, इंदौर कलेक्टर को उस दिन के हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज व इलाज के दस्तावेज सुरक्षित रखने के भी दिए निर्देश
इंदौर। इंदौर के सबसे महंगे और राजनेताओं और अफसरों की अतिरिक्त मेहरबानी वाले बॉम्बे हॉस्पिटल को इंदौर हाईकोर्ट ने कारण बताओं नोटिस दिया है। इसके अलावा अरविंदो हॉस्पिटल को भी नोटिस दिया गया है। बॉम्बे हॉस्पिटल ने वरिष्ठ वकील वकील अचला जोशी को बेड नहीं होने का कह कर इलाज नहीं किया और लौटा दिया था।
अचला जोशी को हार्ट अटैक के बाद यहां लाया गया था। जिला प्रशासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी मरीज को लौटाया न जाए। पर बॉम्बे हॉस्पिटल पर कोरोना काल में कई प्रोटोकाल के उल्लंघन का आरोप है। अस्पताल पर नेताओं और अफसरों की विशेष कृपा के चलते कभी कोई कार्रवाई नहीं होती है। अचला जोशी को बॉम्बे हॉस्पिटल के इंकार के बाद अरविंदो ले जाया गया। अरविन्दों में काफी देर बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेने से कुछ ही देर में उनका निधन हो गया।
सीनियर महिला अधिवक्ता अचला जोशी की मौत मामले में दायर दो याचिकाओं पर हाई कोर्ट इंदौर ने केंद्र व राज्य सरकारों के साथ इंदौर के दो अस्पतालों को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब देने के आदेश दिए। कोर्ट ने कलेक्टर मनीष सिंह को निर्देशित किया गया है कि वे दोनों अस्पतालों के 5 व 6 सितंबर के सीसीटीवी फुटेज और इलाज के दस्तावेज सुरक्षित रखवाएं। उस दिन के हॉस्पिटल के खाली बेड की जानकारी भी मांगी जायेगी।
गुरुवार को दोनों याचिकाओं की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दो अलग अलग बेंच में हुई। इलाज के अभाव में महिला अधिवक्ता अचला जोशी की मौत को लेकर जनहित याचिका एडवोकेट अनिल ओझा ने लगाई है। जस्टिस एससी शर्मा व जस्टिस बीरेंदर सिंह की डिवीजन बेंच ने केंद्र व राज्य सरकार के साथ उक्त दोनों अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एक अन्य याचिका हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इंदौर की ओर से सचिव पंकज सोहनी ने लगाई है। गुरुवार को ही इसकी सुनवाई जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की एकलपीठ में हुई जिसमें हाई कोर्ट बार अध्यक्ष लोकेश भटनागर, उपाध्यक्ष अमरसिंह राठौर ने तर्क रखे।
कोर्ट ने नोटिस जारी करने के साथ ही कलेक्टर को 5 व 6 सितंबर के सीसीटीवी फुटेज व इलाज के दस्तावेज सुरक्षित रखवाने के निर्देश दिए। गौरतलब है ख्यात एडवोकेट अचला जोशी को हार्ट अटैक आने पर लगभग डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं मिला। आरोप है कि एक से दूसरे अस्पताल पहुंचने तक उनकी हालत बहुत गंभीर हो गई थी। आॅक्सीजन सपोर्ट पर लिया जाता तब तक उनकी मौत हो गई थी।
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