सोमदत्त शास्त्री (वरिष्ठ पत्रकार )
अरनब सुशांत केस में तुम किस को बेवकूफ बना रहे हो। अपने भोले दर्शकों को, सुशांत के मासूम घर वालों को अथवा उनको जिनसे कोई डील कभी तुमने की होगी । पत्रकारिता का सामान्य सा विद्यार्थी भी इस बात को भलीभांति जानता है कि अब इस केस से महाराष्ट्र सरकार का कोई ताल्लुक नहीं रह गया है।
तुम तो जानते हो कि मीडिया के प्रेशर में यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंपा जा चुका है। तुम्हे यह भी पता है कि एम्स और सीबीआई दोनों केंद्र के मातहत काम करने वाली संस्थाएं संस्थाएं हैं। इन संस्थाओं पर महाराष्ट्र सरकार का कोई दबाव नहीं रह गया।
इसके बावजूद उद्धव ठाकरे सहित पूरी पुलिस में महकमे को अपने चैनल में गरियाना, हाय तौबा मचाना । पटना मुंबई दिल्ली जैसे शहरों में भाड़े के टट्टू खड़े कर के अपने हक में नारे लगवाना कहां की पत्रकारिता है बल्कि इन सारी चीजो से तुम पत्रकारिता को रसातल में ले जा रहे हो ।
कभी ऐसा नहीं हुआ कि चीप पब्लिसिटी के लिए पत्रकार ने अपने पक्ष में नारे लगवाए हो या अपने रिपोर्टरों से लोग इकट्ठा करवा कर झूठा वातावरण बनाने की कोशिश की हो। सच तो यह है कि अब सुशांत केस में कुछ रह नहीं गया है। लेकिन अभी तुम्हारा छद्म सुशांत राग अशांत ही है। तुम उसे गरमाई रखना चाहते हो।
तुम अच्छी तरह जानते हो कि सीबीआई के तोते ने अपनी रपट भी दे दी है जो किसी भी तरह से हत्या की बात की पुष्टि नहीं करती तुम अपने चैनल में स्वयं हूं बार-बार कहते रहे की सीबीआई को हत्या के आउटपुट मिले हैं जबकि इसका कोई आधार नहीं था।
तुम्हारी निष्पक्ष पत्रकारिता का एक नमूना यह भी है कि तुम राजस्थान के करौली में हाय तौबा मचाते हो जहां कांग्रेस की सरकार है लेकिन यूपी में हाथरस से गोंडा तक चार चार बड़ी घटनाएं होने के बावजूद तुम या तुम्हारे रिपोर्टर वहां नहीं जाते और जाते भी हैं तो हाथरस में उन दबंगों को लामबंद करते हैं जो इस मामले के अपराधी रहे हैं ।
उनसे तुम्हरे लिए नारे लगवाए जाते हैं और यह साबित करने की कोशिश करते हैं मानो कोई बहुत बड़ी खोज खबर तुम्हारे चैनल ने पेश कर दी हो जाहिर है तुममें ना तो सीबीआई को होलड करने वाले मोदी अमित शाह के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत है और न हीं योगी के खिलाफ ।
अगर इतनी हिम्मत होती तो तुम जरूर योगी की बखिया उधेड़ चुके होते । करौली जितनी हाय हाय तोबा यहां भी मचाई जाती । सच तो यह है कि अब तुम्हें इस मामले से पीछे हट जाना चाहिए । इसी में पत्रकारिता की भलाई है । वरना यह तुम्हारी एक अंतहीन गंदी मुहिम ही बनकर रह जाएगी और आने वाली पीढ़ियां तुम पर हंसेगी।
You may also like
-
suicidal supriya shreenet … कांग्रेस में ऐसे नेताओं की भरमार जो अपनी गंदी जुबान से राहुल की यात्रा पर फेर रहे पानी
-
New Joining in BJP …. मध्यप्रदेश में बीजेपी के कुनबे में बढ़ते कांग्रेसी और कांग्रेसवाद !
-
Mandsaur Ground Report .. राहुल की पिछड़ी राजनीति का टेस्ट है मंदसौर का चुनाव
-
congress star …. प्रत्याशी के पते नहीं पर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने घोषित कर दी स्टार प्रचारक सूची
-
#uma and #scindia news…आखिर कैसे एक साध्वी और महाराज के बीच बुआ भतीजे का संबंध