कोविड-19 के बाद नेताओं को भी काम का तरीका बदलना होगा

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इंदौर इंस्टीटिटूट ऑफ़ लॉ के ऑनलाइन आयोजन में प्रदेश के तीन युवा नेताओं ने रखे अपने विचार, इसमें से जयवर्धन सिंह और आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं, तो अनुरोध जैन सामाजिक राजनेता

अभिषेक कानूनगो

इंदौर। अब दौर बदल रहा है कोरोनावायरस के चलते सियासत भी बदल जाएगी इस कारण राजनेताओं को अपना काम करने का तरीका भी बदलना पड़ेगा यह कहना है पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का जो कल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के इंडिया ड्रीम 2030 कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें उनके साथ विधायक आकाश विजयवर्गीय और अनुरोध जैन ने भी अपने विचार रखे।

इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ के ऑनलाइन कार्यक्रम में कल तीन युवा नेताओं के सवाल-जवाब हुए जिसमें पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपनी बातें पोस्ट कोविड-19 के बारे में रखी। जयवर्धन सिंह ने कहा हमें सेन समाज रिक्शा ड्राइवर बस ड्राइवर और वह सब लोग जो रोज कमाकर अपना जीवन चलाते हैं इनसे मिलकर हमारा देश बनता है और सबसे पहले सबसे पहले किसी भी तरह की मदद इन तक पहुंचना चाहिए।

 

हमें राजनेता रहते हुए भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि आखरी तबके के लोगों तक मदद पहुंच सके तभी इस महामारी के बाद हमारा देश भर पाएगा जो मजदूर और निचले तबके के लोग अपने काम से पलायन कर चुके हैं उन्हें वापस लाने के लिए नई नीतियां बनानी होंगी जिसके चलते उन्हें इस बात का भरोसा हो कि आप काम पर लौटेंगे तो वह सुरक्षित रहेंगे। जयवर्धन ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि इस कोविड-19 यह कारण देश और मध्य प्रदेश पिछड़ गया है,लेकिन यहां से भी वापस कम बैक किया जा सकता है।

10 बरस पहले ऑयल की कंपनियां देश में नई उम्मीद लेकर आई थी लेकिन अब उसकी जगह आईटी कंपनी ने ले ली है और अब इंदौर में भी जिस तरह से नए स्टॉर्टअप को चालू हुए है, व आगे जाकर इस समस्या से उबारने के लिए मदद करेंगे वहीं से रोजगार भी मिलेगा और नया रोजगार ही आने वाले कल की नींव रखेगा।

साथ ही अगले 10 बरस की प्लान में सबसे पहले चिकित्सा सुविधा को बेहतर करने के लिए सोचना चाहिए आने वाले समय में हमारे देश मैं चिकित्सा के मामले में कई बड़े बदलाव होना है क्योंकि शहरी क्षेत्र में तो फिर भी सुविधाओं के चलते लोगों को इलाज मिल रहा है लेकिन ग्रामीण इलाकों में परेशानी आ रही है। शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग भी ज्यादा हुई है इसलिए मरीज भी ज्यादा मिले हैं लेकिन छोटे कस्बों में अभी भी टेस्टिंग कम हो रही है इसलिए पेशेंट कम हैं।

दूसरे वक्ता आकाश विजयवर्गीय ने कहा इसमें कोई दो राय नहीं कि आने वाले समय में दोबारा हमारा देश समृद्धि के शिखर पर होगा लेकिन उसके लिए हमें कई नई चीजें करना होंगी। सबसे पहले किसानों के बारे में सोचना जरूरी है हमें हर हाथ में काम और उस काम का सही दाम देना होगा तो ही इस कोविड-19 काल से हम बाहर आ पाएंगे। इसके लिए हमें देश के बिजनेसमैन को ताकत देना जरूरी है।

हमें टैक्सेशन में बदलाव करने होंगे जैसे इनकम टैक्स तो लेना जरूरी है लेकिन कॉरपोरेट टैक्स की नीतियों के बारे में सोचना चाहिए। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2019 में घटाया भी था हमें बिजनेसमैन को मजबूत करना होगा तभी जाकर रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। अनाज तो सरकार ने किसानों से खरीद लिया लेकिन फल और सब्जी वाले जरूर परेशान हुए हमें इस सेक्टर के बारे में भी सोचना पड़ेगा यहां से भी हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।

अनुरोध जैन ने कहा एक दौर था जब मैं खाने के लिए भी विदेशों से बुलाना पड़ता था हम वहां से उभरे हैं तो कोविड-19 के इस दौर से बाहर आना बड़ी बात नहीं रहेगी। हमें इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना होगा जिस तरह से पंडित नेहरू ने देश को एम्स जैसी सौगात दी थी उसी तरह में मेडिकल लाइन में काम करना होगा। हमें महिला वर्ग को बढ़ावा देने के लिए भी सोचना पड़ेगा।

हमारे देश के 17 फ़ीसदी इकोनामी उन्हीं के भरोसे चलती है लेकिन उनकी तादात पचास फ़ीसदी है ऐसे में बराबर का हक भी जरूरी होगा।इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ के डायरेक्टर अक्षय बम इस पूरी डिबेट को होस्ट कर रहे थे। कई सवाल -जवाब भी हुए डेढ़ घंटे चले वीडियो कन्वर्सेशन में तीनों वक्ताओं ने अपने अमेरिका में पढ़ाई किए हुए अनुभव भी साझा किए।

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